Posted by: Madness January 23, 2008
~~ चौतारी - ९५ ~~
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जे राम जि कि।

सब गावँले लोगनको हमि मदनवा परनाम और जदऊ करेछ। कंकाल्नि माईसे हमि परारथना करेछ कि सब लोगन कुस्ले मङ्ग्ले हुनुहुन्छ और मजा करिरहनुभएछ। हमि बहुते दिन आवनेको पाए थिएन उसले लिए हमि माफ छयमा मागेछ। सब लोगन बढियाँ बढियाँ बात बतियाएछ और उ सवस्थनि भनेछ, हमि सवस्थनि हुजुरलोग जैसन पुरे के पुरे बुझे छेन पर हमि आइडियाँ लिएछु।

जे राम जि कि।

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