Posted by: serial January 10, 2008
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खामोश रात के पेहलुमे सितारे ना होते
इन रुखी आँखोमे रङिन नजारे ना होते
यकिन मानिये हम भि ना कर्ते पर्वाह
अगर आप इतने हसिन ना होते
इन रुखी आँखोमे रङिन नजारे ना होते
यकिन मानिये हम भि ना कर्ते पर्वाह
अगर आप इतने हसिन ना होते