Posted by: Birkhe_Maila November 30, 2007
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अरे ओ रिठिया, अबे काहे फुटबलके माफिक उछलेला है? अबे सबेरे सबेरे दिमागका दहि मत कर्। अब्बि अपुन खोलिसे बाहर निकलेला नहिँ कि सुरु हो गया। अब्बि पब्लिकके सामने सयाना दिखनेका, चाय पिनेका और मुह बन्द रखनेका। वो राजु बिल्डरसे एक पेटि लानेका था वो क्या हुवा रे? अबे कहिँ अपुनको मामु तो नहिँ बना रहा तु? अपुन बोलता है बिर्खा भाइसे पङ्गा नहिँ लेनेका। हफ्ता वसुल करनेका, अपुनको देनेका और चैन से बैठनेका क्या?