Posted by: Madness November 7, 2007
--चौतारी - ८५ --
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हम भि रिठे दाजुको उ कथि भन्छ कोवा त्यौहारके शुभ्काम्ना दिएछ। पर सला हम्रो लाइफके टरेजिडि ये छ कि उ जो कौवा जो छ सला बिल्कुम हमि जैसन छ सावँला। हमि सोचेँछु कि जो जो त्यौहार छ, उ सबमे काला रंगको जो छ बहुते सम्मान मिल्छ पर लाइफ मे वैसन छेन। हँ? त बात करिलिनुस किसन कन्हैया के, सुसरा काला थियो पर सब लरकिलोग जो थियो दिवानि थियो।हँ? त यहि कौवा जो छ उ भि कालो छ, पर लोगन जो छ त्यौहार मनाइलिन्छ काला कौवाके। पर लाइफमे सला कालोके बहुते गरबर बात हुन्छ, लरकि लोग जो छ उ टैलिफोनवामे जब हमरो बात सुन्छ त दिवानि भइहाल्छ, पर सला जब हमि भेँटनेको जान्छ त त सोच्छ कि सला मकइँ भुननेको हन्डि आएछ। हमि सोचेँछु कि उ माइकेलाल जयकिसनवा जो करेछ वैसन करिलिउँ। अरे हम्रो अमरिकाके माइकेलाल जयकिशनवा? उ जो गाएछ गना काला और गोरा के, बलेक ऐनड हवाइटके।हँ, त सोचेँछु कि वैसन करके सला गोरा चिट्टा बनिहालुँ! खेँ.... खेँ... खेँ..

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