Posted by: Madness October 29, 2007
~~चौतारी - ८४~~
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खेँ.. खेँ.. खेँ... राहुल भैया, हुजुर भनेरहेछ कि 'मुर्गा बचाइराख्नोस' हमि सुसरा सुन्यो कि 'मुर्गा चबाइराख्नोस' त वहि बात से हमि चक्करघिन्नि जैसन चक्कर खायो। त उ सला ऐग्जाम त हुजुर बढियाँ करिहाल्नु हुन्छ हुजुर उसमा कोनो चिनता छेन।

अरे रिठे दाजू, उ टाडि मे के छ सला हमरो साथमा सन्तरा और नारंगी छ। उ फलफरुट वाला संतरा हेन रे, उ रंग वाला दारु को बात करेछ हमि। खेँ.. खेँ.. खेँ..

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