Posted by: ritthe October 11, 2007
** चौतारी - दशैं विशेषांक **
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हैन क्या सारो हसाउन सक्या हौ यो भउते ले
"अन्खेरी चिरिप्प पारेर बाँधेर ल्यार भस्मार सँअ बेटरीको कालो दलेर अनि गोठाँ बाँधेर राखेछन्। "
हाल तो ठीक हे जनाबका उफ्री ज्यु
एउटा गाना याद आयो-
मेरे दिल मै आज क्या है
तु कहे तो मै बतादु
तेरी जुल्फ फिर सवारु
तेरी माङ फिर सजादु
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