Posted by: PallaGhareAntare October 10, 2007
** चौतारी - दशैं विशेषांक **
Login in to Rate this Post:     0       ?        

बिचरा रिठ्ठेलाई ट्र्याजिडी, बोरै भो नि। अब यहि सोच न त......

 

मैँ और मेरी तन्हाई
अक्सर यह बातें करते हैँ

तुम होतीं तो कैसा होता?
तुम यह कह्तीं
तुम वो कह्तीं
तुम इस बात पे हैराँ होतीं
तुम उस बात पे कित्नि हँसतीं
तुम होतीं तो ऐसा होता
तुम होतीं तो वैसा होता

मैँ और मेरी तन्हाई
अक्सर यह बातें करते हैँ

Read Full Discussion Thread for this article