Posted by: serial October 10, 2007
** चौतारी - दशैं विशेषांक **
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ल अयो सायरी

यु घुत घुत के जिन्दगी हम जिया नही कर्ते,
यु किसी के पीचा हम किया नही कर्ते
ए तो इतफाक कि बाट है कि डिल तुम्पे आ गया ,
वर्ना इत्नी किम्ती चीज्,हम किसी को दिया नही कर्ते।

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