Posted by: serial October 9, 2007
** चौतारी - दशैं विशेषांक **
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तरेमाम् भगवान शरण, 

एउता सायरी गयो मेरो तर्फ बाट

चाइ के कप से उथ्ते धुँवए मे
तेरी शकल नजर आती है
तेरे खयालो मे खो कर
अक्सर मेरी चाइ थन्दी हो जाती है


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