Posted by: Birkhe_Maila September 14, 2007
Login in to Rate this Post:
0
?
अरे आप से मुखातिब हुँ रिठाखान!
अगर आप ख्वाब-ए-महेबुबा से फारिग हो चुके हैँ तो ये बन्दा आपके रुबरु नजराना-ए-हकिकत पेश करना चाहता है! हकिकत के तरन्नुम यह कहति है कि आप निहायत हि शरिफ-ए-आशिक किस्मके बन्दे हैँ! आपके खाना-ए-दिल मे एक सुराख-ए-कसिस है जो आपको इश्क-ए-खाना आबादी कि तरफ से तब्ज्जो हटाकर बिबि-ए-महबुबा कि तरफ दिल-ए-दस्तुर लगानेको कशिस-ए-मजबूर कर रहा है!