Posted by: Birkhe_Maila September 14, 2007
--चौतारी - ७६ --
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अरे आप से मुखातिब हुँ रिठाखान! अगर आप ख्वाब-ए-महेबुबा से फारिग हो चुके हैँ तो ये बन्दा आपके रुबरु नजराना-ए-हकिकत पेश करना चाहता है! हकिकत के तरन्नुम यह कहति है कि आप निहायत हि शरिफ-ए-आशिक किस्मके बन्दे हैँ! आपके खाना-ए-दिल मे एक सुराख-ए-कसिस है जो आपको इश्क-ए-खाना आबादी कि तरफ से तब्ज्जो हटाकर बिबि-ए-महबुबा कि तरफ दिल-ए-दस्तुर लगानेको कशिस-ए-मजबूर कर रहा है!
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