Posted by: PallaGhareAntare September 6, 2007
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कुमलवा आ मदनवा सँधे संगे आवने
हमिलाई सला बाल नदिने आ आपसमे बतियावने
हमि सोचेछु सला एके आदमी झुक्याता है चोतारिको? फेरि सोचेछु अब मदनवाको कहाँ फुर्सत छ हुजूर उ गजोधरकि सालि आ बनवारीके लरकि से जो यति चालबाज हुने। त सला पक्के यो काम कुमलवाके हो त हमि पनि कुरा बुझिहालेछु।