Posted by: Nepalki_chori August 2, 2007
**चौतारी ६६**
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लु म नि धन्यबाद नदी रहन सकिन, धन्यबाद् चित्रे लाई, केहि आशिश चहिने भए भनम क्या रे पून्ते दाईको त्यो माछा खाने दिन कहिले आउने? दुर्गेश्वोरि, गोताएं लाई नमस्कार् गरें है।
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