Posted by: Madness July 27, 2007
~~चौतारी - ६४~~
Login in to Rate this Post:     0       ?        
अरे गना याद दिलाइदिनुभयो हुजुर। त हमि गाएछ, हम्रो घइरके अंगनामे सुपारिके बोट हमको घायल कियो हुजुर सुसरिके ओठ पानके पात....त दिनके रात धोबनियाके पिंजरामे चार-चार गो बट्टाइ पतंग चेट भियो हम्रो घुम्देन जिन्दगिके लटाई पानके पात...त दिनके रात जे राम जि कि।
Read Full Discussion Thread for this article