Posted by: Ajneya July 18, 2007
~~चौतारी ६३~~
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किसी पे हुस्न क सुरुर जवानीक नशा किसिपे चधती रवानिक नाश नसए मो कौन नही हए मुझए ब्तओ जरा तुम सब लोग भि किसी न किसी कि नसए मी हो कुलङ्अरो--- कमिनो-----
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