Posted by: Madness July 16, 2007
~~चौतारी-६२~~
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राहुल भैयाके गना जो हमि देखेँ त सला वहि गनाके हम्रो भर्सन एक्टा राखिहाल्छु । सारंगिके ताइर हम्रो दिलके गना गाँवछ लरकि पायो भने हमि दिल से मित लावँछ रे बाबा दिल से मित लावँछ हमरे सुइरमे हमरे ताइलमे हमरे लाइफके कथा सुनाएर हिनेछु केह्ले नपरेको हम्रो लभके कथा रे बाबा दिल से मित लावँछ फुल जो रोएछ पानी बनेछ हमि रोएछु बनेछ गना शहनाइयाके धुन सला मदनवाके खजाना रे बाबा दिल से मित लावँछ जे राम जि कि।
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