Posted by: Rahuldai June 26, 2007
~~चौतारी - ६०~~
Login in to Rate this Post:     0       ?        
मे पल दो पल का शायर हुं, पल दो पल मेरि हस्सि है पल दो पल् मेरि जवानी है मुझसे पहले कितने शायर आए और आकर चले गए, कुछ आहें भरकर् लौट गए कुछ नग्मे गा कर् चले गए वो भि कुछ पलका किस्सा है मे भि कुछ पल क किस्सा हुं कल तुमसे जुडा हो जाउंगा तो आज तुम्हारा हिस्सा हुं मे पल दो पल का शायर् हुं......................... कल और आएंगे नगमों की खिलती कलियाँ चुनने वाले मुझसे बेहतर् कहने वाले तुम से बेहतर सुनने वाले कल कोइ मुझको याद् जरे क्यूं कोइ मुझको याद् करे मशरुफ जामाना मेरे लिए क्यूं वक्त अपना बरबाद् करें मे पल दो पल का शायर् हुं..................
Read Full Discussion Thread for this article