Posted by: Madness June 4, 2007
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तितोरिको बात सुनेर हम्रो दिल गुर्दा हँसेछ
बत्तिसि देखावँदै हमि इमेल खोल्नेको बसेछ
भए जति इमेल अकावन्ट सबको खोलेँ दनादन
भायाग्रा र डेटिङके सला जङ्क मेल मात्र टनाटन
सोझो मदनवा इमेल दिखेन दिल भयो झनाझन
तितोरिले झुक्कयायो जोन जानि जनार्दन :)
जे राम जि कि।