Posted by: Madness June 3, 2007
--चौतारी-५७--
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सब गावँलेको हमि मदनवाको तरफ से जे राम जि कि। कुमलवाके गना कबिता देखेर हम्रो दिल खुस भइलियो। सला ठिके भनेछ कुमलवा, उ जो छ लरकिके चक्कर जो छ बहुते डेन्जर छ। हँ? त दाह्रि कटाइलिने बात मात्र हेन सला हमि जिन्दा छ, दाह्रि के हो सला हमि त जिन्दगि कटाइलिएछ। सबको फिर से जे राम जि कि॥
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