Posted by: Rahuldai March 23, 2007
~ चौतारी ४९ ~
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तुम को देखा तो ए खयाल आया जिन्दगी धूप तुम घना साया तुम चले जाओगे तो सोचें गे हम ने क्या खोया हम ने क्या पाया जिन्दगी धूप तुम घना साया तुम को देखा तो ए खयाल आया हम् जिसे गुन गुना नहिं सकते वक्त ने एसा गीत् क्युं गाया जिन्दगी धूप तुम घना साया तुम को देखा तो ए खयाल आया
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