Posted by: John_Galt February 26, 2007
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Talat mehmood, SUJATA:
जलते हैं जिसके लिए, तेरी आंखों के दिये
ढूंढ लाया हूं वही गीत मैं तेरे लिए
दर्द बन कर जो मेरे दिल में रहा, ढल न सका
जादू बन कर तेरी आंखों मे रुका, चल न सका
आज लाया हूं वही, गीत् मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए
दिल में रख लेना इसे, हाथों से ये छूटे न कहीं
गीत नाजुक है मेरा, शीशे से भी टूटे न कहीं
गुनगुनाउंगा यही, गीत मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए
जब तलक ना ये तेरे रस के भरे होठों से मिले
यूंही आवारा फिरेगा ये तेरी जुल्फों के तले
गाए जाउंगा यही, गीत मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए