Posted by: raman February 20, 2007
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याद मे तेरी जाग जाग के हम
रात भर करबटे बदलते है
हर घडी दिल मे तेरी उल्फत के
धिमे धिमे चिराग जलते है
जब से तुने निगाह फेरी है
दिन है सुना तो रात अन्धेरी है
चान्द भि अब नजर नही आता
अब सितारे भि कम निकलते है
याद मे तेरी जाग-जाग के हम । । ।