Posted by: shirish February 7, 2007
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तेरे होथोंको सलाम तेरे होथोको सलाम
जिनसे छुजानेको तरसे कहि सागर कहि जाम !
ईन गुलाबो पे जले जबसे तबसुमके भिगे
एक उस दिन से मेरी प्यास बुझानेके लिये
तेरे होथोके किनारे हे मेरे दिलका कयाम !
तु जब ईन होतोको दांतोमे दबा लेती हे
ये तेरि चुपके से तुफांका पता देती हे
प्यास जो ईनमे छुपी हे ईसे कर दे मेरे नाम !
मे भी प्यासा हुं बहत प्यास लगि हे मुझको
तेरि उमीद तेरी आश लगी हे मुझको
कब करेगे तेरे होथो से मेरे होथ सलाम !