Posted by: vishontar January 23, 2007
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तुझ्से मेरी जम्तिनही फिरभी दिल मुलाकात चाहाता क्यो है?
अनजाना अनदेखा चेहेरा फिरभी दील भरआता क्यो है?
कभी चमक्ता ये महफिल तेरा आज सुना सुना सा क्यो है?
अर्सोके बाद लोटके आयाहु तु गुमनामसा क्यो है?
:)!