Posted by: Nepal ko chora January 10, 2007
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रुठ न जाना हम से आप
रात भर हम सो न सकेंगे,
चाद और तारे को
आप का तोहफा समझकर
हम रात भर बस गिन्ते हि रहेंगे ।।
अब त माफ गरि दिने हो कि? :-)