Posted by: sunima_sh January 10, 2007
* चौतारी - ४१ *
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सबैलाई नमस्ते है, सायरी लेख्दिन भन्दाभन्दै रोक्नै सकिएन। याद् कर्ते है आप्को तन्हाइ मे दिल डूबा हे गमो कि गेहेराइ मे, हमे मत् ढूण्ढो दुनिया कि भिड् मे, हुम् तो मिल्लेङे आप्को आप्कि पर्छाइ मे।
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