Posted by: Nepal ko chora January 8, 2007
चौपारी-२००७
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सन्ध्याकलीन नमस्ते है गाम्ले हरु लाइ, त्यो अघि को टुक्रो चाइ कुम्ले दाइ नै हो। खुब घत पर्यो जस्तो छ नि। :P :P ओहो सुनीमाजी को सायरी त सारै मन् छुने रैछ। एउटा अर्को टुक्रा .. साथ रहेते रहेते युही वक्त गुजर जायेगा, दुर होने के बाद कौन् किसे याद् आएगा, जी लो इस पल मे खुल के जब हम साथ है कल का क्या पता, वक्त कहा ले जायेगा ।। LOL पून्टे दा :D :D
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