Posted by: Birkhe_Maila November 10, 2006
** चौतारी ३० **
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सन्चै छु ग्वाँचे! तिम्रो के छ नि? अस्ति तिम्रो कथा देखेओ थेँ जवाफ दिने ट्याम नै मिलेन भन्या। घराँ धान भित्राउने चटारोले अर्दा। अईले यो रिकुटे सँअ कुरो अरिराको, कति मुउलान बस्छौ तेस्तो डर को खानिमा भनेर। एउ बाजि गाम मै खेति अरेर हेरे त हुन्छ नि हैन? रिकुटे कै ईस्टाइलाँ भन्ने हो भने के जाति- ' होगा तो होगा नहिँ होगा तो मकैका घोघा' कि कसो?
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