Posted by: nepalean September 7, 2006
~ ~ चौतारी महोत्सब~ ~
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ल यो चाइ उराठ जिन्दगी जिउने प्रती सम्रपित । ------------------------------------------------------------- न खाने रोटी न पिउने पानी कसरी जिउने यो जिन्दगानी म मर्दा जाने छैन मलामी न सहिद हुदा पाउछु सलामी न बाच्दा सार न मर्दा भार कठोर जिबन एक्लो चित्कार छैन सेवा न केइ आभार जिउने सासलाइ न छ सत्कार खोटो जिबन खालि निधार सुन्य कर्म जन्म धिक्कार
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