Posted by: KaLaNkIsThAn August 20, 2006
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तुम्हे देखके मुटु उकुसमुकुस हो रैलि है
रात भर जागेली, दिन भर सो रैलि है
यैसा लगेली है, चारै तिर तुम्हारी खूश्बू फैली है
राम! तेरी गङ्गा मैली है, गङ्गा मैली है