Posted by: vishontar August 14, 2006
Nepe's book on the web
Login in to Rate this Post:     0       ?        
हजारो तो क्या लाखो दमदार ख्बाहिशें की, फिरभी कम निकला। ख्बावो, अरमानोंमेही गालिब तेरा दम निकला।। ख्बावौ कि परिऔ के मुहाब्बतको जन्नत माना तुने। गरिव तरे सामनेसेही तेरा हमदम निकला।। :)!
Read Full Discussion Thread for this article