Posted by: sujanks February 3, 2006
Another song playin in my mind.. [continued]
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ना जाने यै कब से उम्मीदे कुछ बाकी है मुझे फीर भी तेरी याद् क्युन आती है ना जनरी कब से दुर जीथ्न भी तुम मुझ से पास तेरे मै अब तो आदत सी है मुझ को ऐसे जीने मे जीन्दगी से कोइ शीक्वा भी नहीन है अब तो जीन्दा हु मै इस नीले आस्मान मे चाहत ऐसी है एह तेरी बार थी जाय् आहत ऐसी है एह तेरी मुझ को सताय् यादेन गेह्री है इत्नी दील दूब जाय् और अन्जान मे एह घुम नुम बन जाय् अब थो आदत सी है मुझ को ऐसे जीने मे सभी रातेइन है सभी बातेइन है भुला दो उन्हे मीता दो उन्हे
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