Posted by: Poonte December 19, 2005
CHAUTARI- IV
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ए, मेरिबास्सै! झण्डैले छुटेछ! चौतारीतिर छड्के छड्के नजर लाउँदै लुसुक्कै उम्कन खोजेको आफू त, भउते कै जन्मदिन पो परेछ! क्यार्नु, अनि...काधाँ बोक्या बन्चरो हुत्ताएर आईपुगें नि! लु, भउते काजि! धेरै धेरै फलोस्-फुलोस्! उमेरले म बुढोलाई चाँडै नै भेट्टाओस्! अरु त के भनम्, खै? ठेगाना दिए तेई धोबिनीको च्यात्त्या पेटिकोटाँ पोको पारेर दुई मुठी भट्मास पठाईदिन्थें के रे! शुभकामना!
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