Posted by: ruina March 20, 2005
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to dada:o)
बिशवास गनुस दादा
रुइना बुइनी ऐकदम सोझी छ ।
इण्डि को के कुरा गरनु तर हर्केजी र
काले भालेजी चाही हजुरलाई भरम परेछ ।
कुसुमे त्यो रुमाल दिऊ भने
गरलुको अझ माया लागछ
तयसैले हर्केजीलाई टिस्स्यु
पेपरलेनै काम गरछ जसतो लागछ।
हजुरको कविता सारै मन परयो
उतरदिनु खोजदा अनगनती गलती भयो ।
p.s....>>>galtee sachayera padnu la dada:o)ma ta kahile sakdina jasto cha nepali font ma lekhnu:(
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nivan...............>>>
thank u:o)