Posted by: KaLaNkIsThAn January 22, 2005
SoNg pLaing in my mind II
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Aaanch confused, kyaa motivate garyo yaar, I can't help but dedicate this song for you re kyaa.. eheh... दिल ना उम्मिद तो नही नाकाम हि तो है लम्बि है गमकि शाम मगर शाम हि तो है ये सफर बडि है कठिन मगर, ना उदाश हो मेरे हमसफर ये सितमकि रात है ढल्नेको है अंधेरा गम का पिघल्ने को जरा देर इसमे लगे मगर, ना उदाश हो मेरे हमसफर नही रहने वाली ये मुस्किलें के है अगले मोडपे मंजिले मेरी बातका तु यकिन कर, ना उदाश हो मेरे हमसफर कभी ढुंढ लेगा ये काँरवा के नयी जमिन नयाँ आशमां जिसे ढुढती है तेरी नजर, ना उदाश हो मेरे हमसफर --------------------------------------------javed akhtar... :P
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