Posted by: KaLaNkIsThAn January 13, 2005
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LOL Lady, That was hilarious. I am literally bhui ma ladi-budi for exactly 1 min 21 sec.
Okay, hehe.. time to be serious... I am singing Ghazal re kyaaa... (ooops Writing... or rather call it Practicing)
ahem!!! Really Loved Jagjit's FACE TO FACE album. So here I go again, the song from the same album...
जिन्दगी -- तुने लहू ले के दिया --- कुछ भि नही
तेरे दामनमे मेरे वास्ते क्या --- कुछ भि नही
मेरे इन हाथों कि चाहो तो तलाशी ले लो
मेरे हाथों मे लकिरों के सिवा --- कुछ भि नही
हमने देखा है कई यैसे खुदाओको यहां
सामने जिनके वो सचमुचका खुदा --- कुछ भि नही
या खुदा अबके ये किस रंगमे आई है बहार
जर्द हि जर्द है पेडोंपे हरा --- कुछ भि नही
दिलभि एक जिद पे अडा है किसि बच्चे कि तरह
या तो सबकुछ हि इसे चाहिये या --- कुछ भि नही