Posted by: Madness March 18, 2010
~ चौतारी १८१ ~
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जे राम जि कि।


सला इमरजैन्सीके कारन से हमि ताबडतौड देहात जानेको पडे थियो, आइज सवेरे तडके हि वापस आयेछुँ। सला पुरे दु सौ टकाके टिकट हमि काटेथिएँ पर सिट जो छ ऊ पुरे भरेथियो, रातभर सुसरा बानाँटपे बैठके आएछु। पुरे बदनियाके जो छ बोटि बोटि दुखेछ। कथि करने।

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