संता सिंह अपनी पत्नी से बातें कर रहे थे...
"मुझे याद है, जब मेरी फैक्टरी में आग लगी थी, तू मेरे साथ थी..."
"उसके बाद मैंने नौकरी की, और कुछ ही दिनों में वह भी छूट गई, तू मेरे साथ ही थी..."
"जब मेरा एक्सीडेंट हुआ, मेरी टांग टूटी, तू मेरे साथ थी..."
"जब मेरा घर बिका, तब भी तू मेरे साथ थी..."
"आज जब मैं पूरी तरह सड़क पर आ गया हूं, तब भी तू ही मेरे साथ है..."
"अब मैं समझा... सारे फसाद की जड़ तू ही है..."
Posted by: Rahuldai March 5, 2010
Login in to Rate this Post:
0
?