Posted by: keli April 10, 2009
~ * चौतारी १४४ *~
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खित... खित...  खित..     तारेमाम्, नमस्ते,  जदौ ,हाइ  अन्द हेल्लो
ठुल्दाइ, बिस्ते दा, चिप्ले दा, बिर्खे न् हर्के दा, रित्थे ,सुरे ,पुरे  अनी  लहरे


ओहो,  आज  लहरेको  बर्थ दे  रहेछ , है  था नै  पाएन  भन्या
था  पा  भये  एस्स्यो  पसुपती  प्लजा  बाट  गिफ्ट  ल्याइदिन्थे  नि  किनेर !!



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