Posted by: Nepal ko chora May 16, 2007
~~चौतारी-५४~~
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साहील कि रेत पर एक बार तेरा नाम लिखा था मैने तन्हाइ के उन पलो मे तुझे हि याद किया था मैने सागर कि लहेरो ने तेरा नाम तो मिता दिया पर न मिट सका वोह नाम जो दिल पे लिखा था मैने जदौ यो नेप्चे को .......
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