Posted by: fashioninstitute April 15, 2016
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मैं भूख, प्यास, ठंड और यहां तक कि दुर्भाग्य को भी बर्दाश्त कर लेता हूं।’ कृष्ण बोले, तुम्हारा धर्म एक गुलाम मानसिकता से जन्मा है। तुम अपने अंदर मौजूद ईश्वर को नहीं जानते। तुम्हें धर्म का ज्ञान नहीं।’ यह कह कर कृष्ण ने उस विनम्र आदमी को भी जाने दिया।
एक संत दिखने वाला आदमी कृष्ण के पास आया और बोला, ‘मेरा धर्म विवेक का धर्म है। मैं संतों की वाणी का जीवन में पालन करता हूं – बुराई का विरोध न करना, मौन रह कर तकलीफ झेलना। मुझे ईश्वर के दरबार में जगह मिलेगी।’ उसकी बात सुनकर कृष्ण बोले, ‘तुम्हारा धर्म कर्महीनता से जन्मा है। तुम धार्मिक नहीं हो।’ फिर वह भी चला गया।
एक बात आपको हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि मैं कृष्ण के जीवन की सभी कहानियों को इसलिए विस्तार से सुना रहा हूं, ताकि आप कृष्ण को सही संदर्भ में देख सकें और समझ सकें। यह हमेशा बहुत महत्वपूर्ण होता है कि हम उस समाज की,