Posted by: columbiauniversity March 10, 2016
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सबसे प्रसिद्ध महत्व होता हैं " मिलाप" .. आत्मा का मन से मिलाप , योगा शब्द प्राचीन संस्कृत शब्द "यूज" से लिया गया हैं , जिसका मतलब हैं " शरीर का आत्मा और चित से मिश्रण " , जो व्यक्ति लगातार योग करे उसे योगी / योगिन कहते हैं । योगा का कोई सम्प्रदाय , कोई पंथ नहीं , ये तो प्राचीन क्रिया हैं जिसमें शारीरिक मानसिक अथवा आध्यात्मिक क्रीड़ाएँ होता हैं , श्वास क्रिडा .. श्वास पर नियंत्रण अथवा भावुकता पर नियंत्रण पाया जाता हैं । योगा के चिन्ह indus civilization में भी पाए जाते हैं .. शिव पशुपतिनाथ के रूप में योगमुद्रा में विराजमान देखे जाते हैं.. योग सूत्र के ५८ सूत्र मनुष्य को योग ज्ञान की ओर अग्रसर करते हैं .. स्वस्थ शरीर सदाचार , धन और वैराग्य की ओर जाने के लिए सटीक माना जाता हैं .. योग से प्राण ऊर्जा (vital energy ) को संतुलित कर श्वास को नियंत्रित करता हैं .. सभी भोजन सामग्री में भी प्राण ऊर्जा होता हैं .. योग से सही आहार की ज्ञान की भी प्राप्ति होती हैं .. विदेश में धीरे धीरे इस जीवनशैली का संचालन शुरू हो गया हैं .. थकान .. अनिद्रा ... मानसिक समस्या को शांत कर .. शीतल व स्थिर बुद्धि की प्राप्ति होती हैं #शमभू .. आप भी योग की ओर अग्रसर हो जाइए ..