"मैं आगे चलकर वकील बनना चाहता हूँ, फिर राजनीति में कदम रखना चाहता हूँ और शायद कनाडा का पहला सिख प्रधानमंत्री बन सकूँ एक दिन".
ये तमन्ना है 19 साल के प्रभजोत लखनपाल की जिन्हें हाल ही में एक दिन के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला. ख़ुद को पीजे कहलवाना पसंद करने वाले प्रभजोत भारतीय मूल के हैं और कनाडा में ही पले बढ़े हैं.
प्रभजोत कैंसर से पीड़़ित थे और एक दिन एक संस्था ने उनके पास अपनी एक ख़्वाहिश ज़ाहिर करने का प्रस्ताव रखा. राजनीति और इतिहास में गहरी दिलचस्पी रखने वाली पीजे ने तपाक से प्रधानमंत्री बनने की बात कह डाली और प्रधानमंत्री कार्यालय से भी ख़्वाहिश पूरी की गई.
कनाडा के प्रधानमंत्री से मिलने के बारे में पीजे ने बताया, "मुझे लगा मैं दूसरी दुनिया में हूँ. मैं प्रधानमंत्री के प्लेन में बैठा, उनकी सीट पर, जहाँ मैं ख़ुद पहुँचना चाहता हूँ. उन्हीं सांसदों ने मुझे स्टैंडिग ओवेशन दिया. जस्टिन ट्रुडो बहुत कूल हैं."
कनाडा में रहते हुए भी वो भारत और अमरीका की राजनीति में गहरी दिलचस्पी रखते हैं. पीजे कहते हैं, " टीवी चैनलों के ज़रिए भारतीय राजनीति पर नज़र रखता हूँ. मोदी, केजरीवाल सबको देखता हूँ. कई टीवी चैनल भी देखता हूँ. पर सच बोलूँ तो कुछ न्यूज़ शो मुझे फनी लगते हैं."
पीजे को वीडियो गेम्स का शौक है, विश्व युद्ध पर बने वीडियो गेम खेलते खेलते हुए उनकी दिलचस्पी इतिहास और राजनीति में हुुई, ख़ासकर विश्व युद्ध में हुई बर्बादी को देखकर.
पीजे एक ऐसा कनाडा चाहते हैं जिसमें हर देश से आए लोगों और समुदाय के लिए जगह हो. भारत-पाक विभाजन से हुई बर्बादी की मिसाल देते हुए वे कहते हैं कि आपसी विवाद मिटाकर मिलकर रहने में ही सबकी भलाई है.
पीजे के माता-पिता 80 के दशक में भारतीय पंजाब के लुधियाना ज़िले से कनाडा गए थे और वहीं बस गए.
अभी तो पीजे एक दिन के लिए प्रधानमंत्री बने पर अगर असल में बनें तो क्या तीन कदम उठाना चाहेगें?
इस पर वो कहते हैं, "सबसे पहले तो मैं कनाडा की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना चाहूंगा, यहां के पर्यावरण पर ध्यान दूंगा. तीसरी बात ये कि कनाडा के अंदर एक जगह है जहां अलग देश बनाने की मांग की जा रही है. मैं चाहूंगा कि वो ये मांग छोड़ दें, लेकिन अपनी मर्ज़ी से और नहीं छोड़ते हैं तो लोगों की राय जानकर उसके मुताबिक़ काम करूंगा."
पीजे कहते हैं कि उनका जन्मदिन उसी दिन होता है जिस दिन सलमान खान का.
आगे के बारे में पीजे ख़ुद पर ही तंज कसते हुए कहते हैं, "वैसे मैं सुपर मॉडल बनना चाहता हूँ लेकिन मैं जानता हूं ये एक अच्छा आइडिया नहीं होगा. मैं वकालत करूँगा और फिर राजनेता बनूँगा. शायद एक दिन कनाडा का सिख प्रधानमंत्री बन सकूँ."