Posted by: serial June 2, 2010
~* चौतारी १८९ *~
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यो शायरी चाँही हाकु मै को लागि है - कसैले नी नलिने भन्द्याछु


भूतों सा चेहेरा तेरा
चुडेल सी मुस्कान है
रङ तेरा देख्के, तुप तेरा देख्के
कुत्ते भी हैरान है

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