Posted by: Birkhe_Maila December 7, 2009
~चौतारी १६७~
Login in to Rate this Post:     0       ?        

पुरामायण। सुन्तली काण्ड॥॥


 श्लोक॥१॥:


पुरेन्द्र उवाच-


मोजछेत्रे हस्तिनापूरे तेत सुन्तली देख्भ्याम।०।


सुन्तली देखनासाथै तन्तु तन्तु फडफडाभ्याम।१।


तेतन अहम पुरेन्दर स्पेलवाउन्ड भएभ्याम।२।


दाह्रि जुङ्गा काटान्तनि थुतुनादि चिल्लाभ्याम।३।


सुन्तली उवाच-


एजसुनएज पुरेन्दर चिल्ला गाला देखन्ती।०।


अहम सुन्तली रोमांचभई नजर बाण खेल्नती।१।


तत्कालै पुरेन्द्र बौचाको समग्र काँपन्ती।२।


अहम बुझन्ती और संसार उज्यालो करन्ती।३।


 

Read Full Discussion Thread for this article