जिम्माल ए गब्बर : अरे ओ बैरे, कितने इनाम रख्हे है सरकार हम पर ? -- बेलायति पाउण्ड मै बोलनेका सम्झा ना? थोडा रबाफ मांगता है अपुन -- ससुरी रुपैया मै दम ही नही ---
बैरे ए साम्भा : पुरे पान सो --
जिम्माल ए गब्बर : क्या? !!
बैरे ए साम्भा : माइ बाप, रुपया लुढक गया -- और ससुरी पाउण्ड आस्मान पे है -- उ बखत के पचास् हजार दो कौडीका हो गया --
जिम्माल ए गब्बर : बहुत नाईन्साफि है यह् -- अगर हम अभी भी अङ्रेजके अधिन होते -- तो हमारा इनाम भी आस्मान पे होता --
बैरे ए साम्भा : रहने दिजिए न सर्दार --अङ्रेज आपको भी आस्मान पे पहुँचा दे ते तो?--
जिम्माल ए गब्बर : सो तो है --
बैरे ए साम्भा : सुना है उस दिन कचहरी मै बहुत ताप मै थे --
जिम्माल ए गब्बर : हाँ उस् दिन कचहरीमै ऐसा ताप मुझको --ऐसा ताप मुझको --
बैरे ए साम्भा : काहे सर्दार?
जिम्माल ए गब्बर : बुखार था न मेरेको --
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स्वस्ती गरे है।