Posted by: serial June 26, 2009
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जोशी जि लाई चौतारी मा स्वागत -
अनी यो सायरी चाँही मुँइचा को लागि
मै तुझे चाँद समझता था, मगर उसमे भि दाग है
मै तुझे सूरज समझता था, मगर उसमे भि आग है
मै तुझे बन्दर समझता था, मगर उसमे भि दिमाग है ।।