Posted by: Birkhe_Maila June 16, 2009
Login in to Rate this Post:
0
?
रिठे काणा- "गन्नुभाई! गन्नुभाई!"
गन्नु भाई- "अबे काहे कु गरम कोयलेपे पडेले गन्नेके माफिक फडफडारेला है? तेरि नानी मरगेलि है क्या?"
रिठे काणा- "नक्को गन्नुभाई! गन्नुभाई वो चौतारीमे पब्लिकलोग बोलरेला है कि चौतारी निरस होगेला है!"
गन्नुभाई- "निरस बोले तो?"
रिठे काणा- "भाई निरस बोले तो आईटम बैगरका पारटी जैसन!"
गन्नुभाई- "तो उठाके लानेको मांगता न आइटमलोगको!"
रिठे काणा- "गन्नुभाई वो आईटमसे रंग नक्को भरनेका चौतारिमे!"
गन्नुभाई- " तो तेरा छुछन्दर जैसन थोबडा दिखाकर रंग भरनेका क्या? हेँख हेँख हेँख!"
रिठे काणा- "भाई आप भि न,भाई अपुन तो बोलरेला था कि, निरस चौतारिमा भाई जानेका,एक दोको लुढकानेका, रौब जमानेका और हफ्ता वसुल करके आनेका, तब तो चौतारीमे रंग हि रंग भाई!"
गन्नुभाई- "क्या रे नासपिटे? उधरको कोई करोडपती बैठेला है क्या?"
रिठे काणा- "कोरिडपती तो नक्को भाई, पन स्टोरि वस्टोरी लिखनेका लोग बैठेला है! बैरे बहरा,सैरियल लंगडा, राहुल डाक्टर सबके सब स्टरोरि शायरी लिखता है बाप!"
गन्नुभाई- "अबे कनस्तरके आखिरि गेहुँ, तेरे कु मै कहानी पढनेवाला लगता है क्या? उनको उठाके अपुनका कौनसा काम बननेका?"
रिठे काणा- "भाई बोले तो उन लोगोँसे कहानि लेके फिल्म प्राँडुस करनेका और माल कमानेका!"
गन्नुभाई- "अबे छिपकलिके दुम, किसका नाम लिया रे तु? वो खजुरका किडा लगा बिज सैरियल लंगडा अब भाईगिरि छोडके शायरी लिखने लगा?अपुनका कम्पनिसे आउट क्या वो?"
रिठे काणा- "मालुम नक्को भाई, वो तो बोलरेला था कि भाई कि ऐसि कि तैसि!"
गन्नुभाई- "क्या? क्या बोला वो हरामी? अपुन कि? गन्नुभाई कि ऐसि कि तैसि बोला वो किचडका किडा?"
रिठे काणा- "भाई वैसे बोलनना तो नक्को चाहिए पन, अपुन आपका नमक खाएला है, वो लंगडा तो बोलरेला था कि, हरके रंगिलाके साथ मिलके, बिर्खे बनवाडिके गैंगमे जा के आप को खल्लास करेंगा!"
गन्नुभाई- "तु घोडा निकाल! अपुन अब्बि के अब्बि जा के सब चौतारीके पब्लिक लोगके सामनेईच् उसका गेम बजाएंगा! और कौन चुहालोग अपुनसे पंगा लिएला है तु वो भि बक् सबको सुला डालेंगा अपुन्!"
रिठे काणा- "ठिक है भाई, अपुन रास्तेमे बताएँगा!"
(इस तरह, रिठे काणाने गन्नुभाईको गलत बात बताकर अपने दुश्मनको खतम करनेका प्लान बनाया!)
((भाइयोँ और बहनोँ...फिर क्या हुवा? क्या गन्नुको रिठेका झुठ समझमे आया? झुठ समझमे आया तो उसने रिठेका क्या किया? सैरियल लंगडाका क्या हुवा? क्या हर्के रंगिला और बिर्खे बनवाडि गन्नुके हाथमे आए? सब जाननेके लिए अगला गन्नुपुरान अवश्य पढिए!))
गन्नु भाई- "अबे काहे कु गरम कोयलेपे पडेले गन्नेके माफिक फडफडारेला है? तेरि नानी मरगेलि है क्या?"
रिठे काणा- "नक्को गन्नुभाई! गन्नुभाई वो चौतारीमे पब्लिकलोग बोलरेला है कि चौतारी निरस होगेला है!"
गन्नुभाई- "निरस बोले तो?"
रिठे काणा- "भाई निरस बोले तो आईटम बैगरका पारटी जैसन!"
गन्नुभाई- "तो उठाके लानेको मांगता न आइटमलोगको!"
रिठे काणा- "गन्नुभाई वो आईटमसे रंग नक्को भरनेका चौतारिमे!"
गन्नुभाई- " तो तेरा छुछन्दर जैसन थोबडा दिखाकर रंग भरनेका क्या? हेँख हेँख हेँख!"
रिठे काणा- "भाई आप भि न,भाई अपुन तो बोलरेला था कि, निरस चौतारिमा भाई जानेका,एक दोको लुढकानेका, रौब जमानेका और हफ्ता वसुल करके आनेका, तब तो चौतारीमे रंग हि रंग भाई!"
गन्नुभाई- "क्या रे नासपिटे? उधरको कोई करोडपती बैठेला है क्या?"
रिठे काणा- "कोरिडपती तो नक्को भाई, पन स्टोरि वस्टोरी लिखनेका लोग बैठेला है! बैरे बहरा,सैरियल लंगडा, राहुल डाक्टर सबके सब स्टरोरि शायरी लिखता है बाप!"
गन्नुभाई- "अबे कनस्तरके आखिरि गेहुँ, तेरे कु मै कहानी पढनेवाला लगता है क्या? उनको उठाके अपुनका कौनसा काम बननेका?"
रिठे काणा- "भाई बोले तो उन लोगोँसे कहानि लेके फिल्म प्राँडुस करनेका और माल कमानेका!"
गन्नुभाई- "अबे छिपकलिके दुम, किसका नाम लिया रे तु? वो खजुरका किडा लगा बिज सैरियल लंगडा अब भाईगिरि छोडके शायरी लिखने लगा?अपुनका कम्पनिसे आउट क्या वो?"
रिठे काणा- "मालुम नक्को भाई, वो तो बोलरेला था कि भाई कि ऐसि कि तैसि!"
गन्नुभाई- "क्या? क्या बोला वो हरामी? अपुन कि? गन्नुभाई कि ऐसि कि तैसि बोला वो किचडका किडा?"
रिठे काणा- "भाई वैसे बोलनना तो नक्को चाहिए पन, अपुन आपका नमक खाएला है, वो लंगडा तो बोलरेला था कि, हरके रंगिलाके साथ मिलके, बिर्खे बनवाडिके गैंगमे जा के आप को खल्लास करेंगा!"
गन्नुभाई- "तु घोडा निकाल! अपुन अब्बि के अब्बि जा के सब चौतारीके पब्लिक लोगके सामनेईच् उसका गेम बजाएंगा! और कौन चुहालोग अपुनसे पंगा लिएला है तु वो भि बक् सबको सुला डालेंगा अपुन्!"
रिठे काणा- "ठिक है भाई, अपुन रास्तेमे बताएँगा!"
(इस तरह, रिठे काणाने गन्नुभाईको गलत बात बताकर अपने दुश्मनको खतम करनेका प्लान बनाया!)
((भाइयोँ और बहनोँ...फिर क्या हुवा? क्या गन्नुको रिठेका झुठ समझमे आया? झुठ समझमे आया तो उसने रिठेका क्या किया? सैरियल लंगडाका क्या हुवा? क्या हर्के रंगिला और बिर्खे बनवाडि गन्नुके हाथमे आए? सब जाननेके लिए अगला गन्नुपुरान अवश्य पढिए!))