Posted by: serial March 1, 2009
अभियान।
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दिलोँ से खेल्नेका हुनर हमे नही आता
 
इस्लिए इश्क कि बाजी हम हार गए
 
मेरी जिन्दगी से शायद उन्हे बहुत प्यार था
 
इस्लिए मुझे जिन्दा हि मार गए।।।।।।।। 

 

 

ठुक्राके मुँइचाने मुझ्को


कहा कि मुस्कुराओ
 
मे हँस दिया         


आखिर सवाल मुँइचाकी खुशी का था


मैने खोया वोह जो मेरा था हि नही


मुँइचाने खोया वोह जो सिर्फ उसी का था।।।।।।।।।।  

 

Last edited: 01-Mar-09 03:04 PM
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