Posted by: ritthe November 25, 2008
~ * चौतारी १३५ *~
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बोलेतो दुसरा राउन्ड का जदउ, तारेमाम, सलाम अक्खी चउतारि बासी को !

तो सेरिअल लंगडे तु तो बहुत जल्दी हि आगाया ! किसिको घास वास भि डाला कि ऐसेइच लौट आया रे गिदर का दुम !

वो अपना राहुल भाय किधर को गिया रे फिर !

और कौन कौन लोग है इधर आज ! बोलेतो थोडा देर बाट चित कर्नेको दिल चाह राहा है !

प्राक्टिस् छुटेर होला भाषा बिर्सिन लागेको रैछ ! लोल

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