Posted by: PallaGhareAntare October 21, 2008
चौतारी ~१३१~
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ज्या ठुल्दाई त आइसकेचन् बाबै। तारेमाम ठुल्दाई। आज बढा अच्छा मुड छ, गुल्जार का गीत सुन्ने सुर छ, लु बजाम त

१) दिल ढुंढता है फिर वहि - मौसम
२) तुम आ गए हो नूर आ गया है - आंधी
३) थोडि सी जमीं थोडा आशमां - सितारा
४) आने वाला पल जाने वाला है - गोलमाल
५) हुजूर इस कदर भि ना इतरा के चलिए- मासूम
६) नाम् गूम जाएगा - किनारा

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